1.Faridabad News: घटनास्थल का विवरण
Faridabad News: शुक्रवार की सुबह Faridabad के न्यू टाउन रेलवे स्टेशन के पास एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। एक 16 वर्षीय छात्र, रोहित कुमार, ने पलवल से दिल्ली जाने वाली शटल ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। यह हादसा स्टेशन से लगभग एक किलोमीटर आगे हुआ, जहां रेलवे ट्रैक पर सिर्फ एक स्कूल बैग और कुछ किताबें पड़ी थीं — और कुछ ही दूरी पर रोहित की लाश।
2. रोहित कौन था?
रोहित, एनआईटी-1,Faridabad स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में सातवीं कक्षा का छात्र था। मूल रूप से बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले भगत सिंह का इकलौता बेटा था, जो अपनी तीन बहनों से बड़ा था। पिता ड्राइवरी कर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। माता बेबी घरेलू महिला हैं।
तीन बहनों का इकलौता भाई, एक शांत, पढ़ाई में होशियार बच्चा… जिसने शायद किसी से अपनी तकलीफ नहीं कही, और दर्द इतना बड़ा हो गया कि ज़िंदगी ही छोड़ दी।
3. हादसे से पहले क्या हुआ?
प्रारंभिक जांच के अनुसार, शुक्रवार सुबह रोहित और उसकी मां के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हुई थी। मां ने डांटा… शायद सिर्फ यह सोचकर कि बेटा सुधर जाएगा। लेकिन वो डांट, उस मासूम पर ऐसी बिजली बनकर गिरी कि वह स्कूल नहीं गया और सीधा रेलवे ट्रैक पर जा बैठा।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि लगभग 11:30 बजे रोहित ट्रैक के पास अकेला बैठा था। कुछ युवकों ने उससे पूछा, “क्या बात है भाई, यहां क्यों बैठे हो?”
लेकिन रोहित ने कोई जवाब नहीं दिया।
कुछ ही देर बाद… ट्रेन आई… और रोहित ने छलांग लगा दी।
ट्रेन ने उसे एक किलोमीटर तक घसीटा। शटल ट्रेन को जबरन रुकवाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
4. मां की हालत – दिल दहलाने वाला दृश्य
घटना की खबर जैसे ही परिजनों को मिली, वे बदहवासी में दौड़े। मां बेबी की चीखें सुनकर हर किसी की आंखें भर आईं।
“मेरा रोहित… मेरा चिराग बुझ गया…”
कहते-कहते वह कई बार बेहोश हो गईं।
ये दृश्य उन सभी के लिए एक चेतावनी था, जो सोचते हैं कि डांटना सिर्फ अनुशासन है।
5. स्कूल और समाज की प्रतिक्रिया
स्कूल प्रबंधन ने पुष्टि की कि रोहित शुक्रवार को स्कूल नहीं आया था। अध्यापकों ने बताया कि वह पढ़ाई में अच्छा था और कभी किसी से बदतमीजी नहीं करता था।
“हमें लगता ही नहीं था कि रोहित जैसा बच्चा इतना बड़ा कदम उठा लेगा।” – एक शिक्षक ने भावुक स्वर में कहा।
स्कूल ने अभिभावकों और छात्रों दोनों से अपील की –
“बच्चों से संवाद कीजिए। सवाल पूछिए, सुनिए। अगर कोई दुखी है, तो उसे अकेला मत छोड़िए।“
6. पुलिस की जांच और आगे की कार्यवाही
जीआरपी सब इंस्पेक्टर संजय कुमार ने बताया कि मामला आत्महत्या का लग रहा है।
“जैसे ही शटल प्लेटफॉर्म से रवाना हुई, रोहित ने छलांग लगा दी। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया है। जांच जारी है।”
घटनास्थल से मोबाइल नहीं मिला, लेकिन किताबों पर नाम लिखा था — रोहित कुमार। आसपास के लोगों ने परिजनों को फोन कर बुलाया।
7. क्या सीखा जाए इस दर्दनाक घटना से?
Faridabad की इस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं —
- क्या मां-बाप अब बच्चों से डरने लगें?
- या बच्चों को अपनी भावनाएं व्यक्त करने का साहस सिखाया जाए?
- क्या स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य काउंसलिंग अनिवार्य होनी चाहिए?
रोहित की कहानी हमें एक भयानक सीख देती है — छोटी सी डांट, कभी–कभी एक मासूम जान ले सकती है।
🙏 यदि आप या आपका कोई जानकार मानसिक तनाव में है, तो कृपया किसी काउंसलर, शिक्षक या भरोसेमंद व्यक्ति से बात करें। ज़िंदगी अनमोल है।
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