यहां विज्ञापन आ सकता है (Ad Placeholder - 728×90)

FARIDABAD CNG हादसा: 3 साल पुरानी कार बनी मौत का जाल, जिंदा जले ड्राइवर अजय की दर्दनाक कहानी!

1. हादसे ने फरीदाबाद को दहला दिया

फरीदाबाद के सेक्टर-85 में रविवार शाम एक FARIDABD CNG हादसे ने पूरे इलाके को सन्न कर दिया।
बीपीटीपी थाना क्षेत्र में एक टैक्सी कार अचानक आग की लपटों में घिर गई। अंदर बैठे ड्राइवर अजय की चीखें दूर तक सुनाई दीं, लेकिन कोई कुछ नहीं कर सका।
मिनटों में कार धधकते हुए लोहे के कबाड़ में बदल गई और अजय जिंदा जल गया।

यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं थी, बल्कि एक ऐसी तकनीकी लापरवाही का नतीजा थी जिसने एक परिवार की दुनिया उजाड़ दी।


2. कैसे भड़की आग और क्यों नहीं बच सका ड्राइवर

प्रारंभिक जांच के मुताबिक, आग CNG गैस रिसाव की वजह से लगी।
अजय सेक्टर-85 में मास्टर रोड के पास अपनी कार पार्क करके आराम कर रहा था।
जैसे ही उसने इंजन स्टार्ट किया, अचानक गैस पाइप से निकली लीकेज ने आग पकड़ ली।
कुछ ही सेकंड में कार की सीटें और अंदरूनी हिस्सा लपटों में घिर गया।

सबसे भयावह पल तब आया जब दरवाज़े जाम हो गए
अजय बाहर निकलने की कोशिश करता रहा, लेकिन कार लॉक हो चुकी थी।
उसकी चीखें सुनकर आसपास के लोग दौड़े, पर लपटें इतनी तेज़ थीं कि कोई पास नहीं जा सका।
किसी ने दमकल को बुलाया, किसी ने पुलिस को — पर तब तक बहुत देर हो चुकी थी।


3. आंखोंदेखी गवाहों का बयान

मौके पर मौजूद दुकानदार राकेश का कहना था —

“हमने देखा कि कार से धुआं निकल रहा था। पहले तो लगा इंजन गर्म हो गया होगा, पर कुछ ही पलों में आग भड़क उठी।
आदमी अंदर फंसा था, लोग चिल्ला रहे थे, लेकिन लपटों ने सबको पीछे धकेल दिया।”

दमकल टीम जब पहुंची, तब तक आग इतनी फैल चुकी थी कि कार पहचान में नहीं आ रही थी।
20 मिनट की मशक्कत के बाद आग बुझाई गई, लेकिन तब तक अजय का शरीर पूरी तरह जल चुका था।


4. परिवार की करुण पुकार

26 वर्षीय अजय पुरानी भूपानी गांव का रहने वाला था।
घर में पत्नी चंचल और दो छोटे बच्चे हैं — पांच साल की बेटी और डेढ़ साल का बेटा।
अजय की पत्नी चंचल की आंखों में आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे।
वह कहती हैं —

“वह रोज़ की तरह बुकिंग पर निकले थे। दोपहर को फोन आया कि कुछ देर में लौट आएंगे।
थोड़ी देर बाद खबर आई कि कार में आग लग गई… मैं पहुंची तो बस राख बची थी।”

मां का रोना देखकर पूरा इलाका गमगीन हो गया।
बेटी बार-बार पूछ रही थी — “पापा कब आएंगे?”
यह सवाल हर किसी के दिल को चीर गया।


5. तीन साल पुरानी कार, दो मासूम बच्चों का बाप

परिजनों ने बताया कि अजय ने तीन साल पहले ही नई कार खरीदी थी।
वह दिन-रात मेहनत करके टैक्सी चलाता था ताकि अपने बच्चों को अच्छी ज़िंदगी दे सके।
लेकिन जिसने रोज़ उसे कमाई दी, वही कार उसकी मौत का कारण बन गई।

करीबी दोस्तों का कहना है कि कार को हाल ही में सर्विसिंग की ज़रूरत थी।
CNG फिटिंग में हल्का रिसाव पहले भी महसूस हुआ था, लेकिन टैक्सी वालों की रोज़मर्रा की भागदौड़ में ये छोटी बातें अक्सर अनदेखी रह जाती हैं।
इस बार वही छोटी अनदेखी जीवन का अंत बन गई।


6. जांच में सामने आया सच

पुलिस और FSL टीम ने मौके से साक्ष्य एकत्र किए हैं।
प्रारंभिक रिपोर्ट में CNG लीक को प्रमुख कारण बताया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आग लगने के तुरंत बाद दरवाजे लॉक हो जाने से अजय बाहर नहीं निकल सका।

बीपीटीपी थाना प्रभारी अरविंद ने बताया —

“हम हर पहलू से जांच कर रहे हैं। यह स्पष्ट है कि रिसाव के कारण आग लगी।
लेकिन लॉक सिस्टम फेल क्यों हुआ, इसका पता तकनीकी जांच में चलेगा।”

वहीं, FSL टीम ने कहा कि यदि गाड़ी की फिटिंग या पाइप पुराना था तो गैस फैलने से यह विस्फोटक स्थिति बन सकती थी।


7. CNG सुरक्षा पर उठे सवाल

यह हादसा एक गंभीर सवाल उठाता है —
क्या CNG गाड़ियों की नियमित जांच वास्तव में की जा रही है?
दिल्ली-एनसीआर में रोज़ हजारों टैक्सी और प्राइवेट CNG कारें चलती हैं,
लेकिन बहुत कम लोग उनकी फिटिंग और गैस लीक जांच समय पर कराते हैं।

फायर ऑफिसर ने कहा —

“अगर कभी गैस की गंध महसूस हो, तो तुरंत इंजन बंद करें, मोबाइल का इस्तेमाल न करें, और खिड़कियाँ खोलकर बाहर निकलें।
एक छोटी सी गलती बड़े हादसे में बदल सकती है।”

हरियाणा में इससे पहले भी कई ऐसे हादसे हो चुके हैं —
2023 में गुरुग्राम में एक वैन में आग लगी थी जिसमें तीन लोग घायल हुए थे।
फरीदाबाद का यह हादसा उस लापरवाही की याद दिलाता है जो ‘चलो, कुछ नहीं होगा’ सोच में छिपी होती है।


8. निष्कर्ष: लापरवाही या सिस्टम की नाकामी?

अजय की मौत सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, यह हमारे सिस्टम की असंवेदनशीलता का प्रतीक है।
CNG फिटिंग का समय पर निरीक्षण, सुरक्षा अलार्म का न होना और ऑटो लॉक जैसी तकनीकी खामियां मिलकर मौत का फॉर्मूला बन गईं।

उस आग में केवल एक कार नहीं जली, एक परिवार की उम्मीदें, एक मां की गोद और दो बच्चों का भविष्य भी राख हो गया।

अजय की पत्नी अब सिर्फ इतना चाहती हैं कि किसी और का पति ऐसे न मरे।
उनकी आवाज़ में दर्द है, लेकिन उसके पीछे एक चेतावनी भी छिपी है —

“अगर किसी की भी CNG गाड़ी है, तो उसकी जांच ज़रूर कराओ। मेरे अजय की तरह किसी और की जान मत जाने दो।”

यह हादसा हमें याद दिलाता है कि सुरक्षा में लापरवाही सिर्फ गलती नहीं, अपराध है।
अब सवाल यह है कि क्या इस घटना से सिस्टम सबक लेगा,
या फिर यह भी सिर्फ एक और ‘दर्दनाक हादसा’ बनकर खबरों में गुम हो जाएगा।

Leave a Reply