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Bhiwani Manisha Murder Case: जहर, साजिश या दबाव? सच जानकर दहल उठेगा दिल

Bhiwani Manisha Murder Case इन दिनों हरियाणा ही नहीं, पूरे देश में सनसनी का विषय बना हुआ है। महज़ 19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा की रहस्यमयी मौत ने न सिर्फ़ उनके परिवार को तोड़ दिया है, बल्कि पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस की रिपोर्ट्स इसे आत्महत्या करार दे रही हैं, मगर जनता और परिजन इसे हत्या मानकर लगातार इंसाफ़ की मांग कर रहे हैं। सवाल यही है—आख़िरकार सच क्या है?


1. गुमशुदगी से मौत तक – घटना का पूरा सिलसिला

11 अगस्त को सिंघानी गांव की रहने वाली मनीषा अपने प्ले स्कूल से घर नहीं लौटी। दो दिन बाद, 13 अगस्त को खेतों में उसका शव क्षत-विक्षत हालत में मिला। चेहरा और गर्दन बुरी तरह क्षतिग्रस्त थे, आंखें तक गायब थीं। इस भयावह दृश्य ने गांववालों को हिला दिया और हत्या की आशंका को बल मिला। शव की हालत इतनी खराब थी कि परिवार के लिए पहचान करना भी कठिन था।


2. सुसाइड नोट और पुलिस की जांच

पुलिस का दावा है कि शव मिलने के दिन ही एक सुसाइड नोट बरामद हुआ था। इसमें मनीषा ने अपने माता-पिता से माफ़ी मांगते हुए लिखा कि वह उन पर बोझ नहीं बन सकती। साथ ही, उसने लिखा कि उसका सपना नर्सिंग ऑफिसर बनने का था, लेकिन अब वह टूट चुका है।

16 अगस्त को सीसीटीवी फुटेज में सामने आया कि मनीषा ने पास की दुकान से मोनोस्प्रे नाम का कीटनाशक खरीदा था। दुकानदार के रजिस्टर में उसका नाम दर्ज मिला। पुलिस का कहना है कि यही कीटनाशक उसके विसरा में पाया गया। इन सबूतों को आधार बनाकर पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है।


3. पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स और विसरा जांच

पहला पोस्टमार्टम भिवानी में हुआ, दूसरा पीजीआई रोहतक में और तीसरा रिपोर्ट स्तर पर सामने आया। तीनों रिपोर्ट्स में पाया गया कि शरीर पर कोई एसिड या कैमिकल नहीं था। चेहरे और गर्दन पर जो गहरे घाव थे, वे दरअसल जानवरों द्वारा नोचे जाने से बने थे।

वहीं, विसरा रिपोर्ट ने पुष्टि की कि मनीषा ने जहर खाया था। इससे पुलिस की आत्महत्या वाली थ्योरी को मजबूती मिली। लेकिन सवाल अब भी बाकी हैं—क्या मनीषा ने सच में खुद जहर खाया, या किसी दबाव में यह कदम उठाया?


4. परिजनों और समाज का आक्रोश

परिजनों का आरोप है कि यह हत्या है और पुलिस सच दबाने की कोशिश कर रही है। इसी मांग को लेकर लगातार धरना, जाम और प्रदर्शन हुए। ढिगावा मंडी से लेकर भिवानी शहर तक बाजार बंद रहे। ग्रामीणों ने शव का अंतिम संस्कार तक नहीं किया। उनकी मांग साफ़ है—या तो हत्यारों को गिरफ्तार किया जाए या फिर केस की सीबीआई जांच हो।


5. इंटरनेट बैन और प्रशासनिक सख्ती

तनाव बढ़ता देख सरकार ने भिवानी और चरखी दादरी में तीन दिन के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। आदेश में कहा गया कि अफवाहों और गलत सूचनाओं से हिंसा भड़क सकती है। सोशल मीडिया पर अफवाहों का सिलसिला रुकवाने के लिए यह कदम उठाया गया।


6.Bhiwani Manisha Murder Case: राजनीति और CBI जांच की मांग

मामला राजनीति के केंद्र में भी पहुंच गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि “मनीषा हमारी बेटी थी। अगर उसके साथ कुछ गलत हुआ है तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”

वहीं, कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर हमला बोला और कहा कि पुलिस इसे आत्महत्या साबित करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने सीबीआई जांच की मांग उठाई। विपक्षी दलों का कहना है कि भाजपा राज में महिलाओं की सुरक्षा खतरे में है।


7. अब भी अनुत्तरित सवाल

पुलिस की रिपोर्ट आत्महत्या की ओर इशारा कर रही है, मगर कुछ सवाल अब भी सुलग रहे हैं:

  • अगर सुसाइड नोट मिला था तो पहले दिन सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया?
  • शव मिलने के बाद तुरंत सीसीटीवी क्यों नहीं खंगाले गए?
  • अगर उसने जहर पिया था, तो बोतल मौके पर क्यों नहीं मिली?
  • उसके फोन से 11 अगस्त की रात मिस कॉल किसने की?
  • क्या किसी ने मनीषा को मानसिक रूप से दबाव में डालकर यह कदम उठाने पर मजबूर किया?

ये सवाल जनता के दिलों में शक को और गहरा कर रहे हैं।


8. निष्कर्ष

Bhiwani Manisha Murder Case आज भी एक रहस्य बना हुआ है। पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है, जबकि परिवार और समाज हत्या का शक जता रहे हैं। सच चाहे जो भी हो, यह घटना एक दर्दनाक कहानी बन चुकी है—जिसमें सवाल ज़्यादा हैं और जवाब कम।

जब तक सभी पहलुओं की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच नहीं होगी, यह मामला समाज के ज़ख्मों को और गहरा करता रहेगा।

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