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Faridabad NO DRONE FLYING ZONE: 3 थाने नो फ्लाइंग जोन घोषित, ग्रामीणों की रातें हुई बेचैन

Faridabad में पिछले कुछ दिनों से गांवों की रातें बेचैन हो गई हैं। जैसे ही अंधेरा होता है, आसमान में मंडराते रहस्यमयी ड्रोन लोगों की नींद छीन लेते हैं। गांवों के ऊपर उड़ते ये कैमरे न सिर्फ ग्रामीणों को डरा रहे हैं बल्कि सुरक्षा पर भी बड़े सवाल खड़े कर रहे हैं। तिगांव, छांयसा और सदर बल्लभगढ़ थाना क्षेत्रों में लगातार ड्रोन दिखने की खबरों के बाद प्रशासन सख्त हो गया और तुरंत ही इन इलाकों को “नो फ्लाइंग जोन” घोषित कर दिया। पुलिस की 15 टीमें गांव-गांव घूमकर जांच कर रही हैं, पंचायतों में मीटिंग हो रही हैं और सरपंचों से लेकर केंद्रीय मंत्री तक इस मामले में दखल दे चुके हैं। फिर भी, गांववालों के मन का डर कम नहीं हो रहा—लोगों के मन में सवाल बना हुआ है कि आखिर इन उड़ते ड्रोन के पीछे कौन सा रहस्य छिपा है?

Faridabad में ड्रोन का रहस्यमय आतंक
फरीदाबाद के ग्रामीण इलाकों की शांति इन दिनों एक अजीब और खौफनाक परछाई के नीचे है। रात ढलते ही आसमान में चमकती रहस्यमय रोशनी और उड़ते ड्रोन लोगों की नींद हराम कर रहे हैं। तिगांव, छांयसा और सदर बल्लभगढ़ थाना क्षेत्रों के गांवों में रोजाना यह ड्रोन देखे जा रहे हैं। ग्रामीणों को डर है कि कहीं ये कैमरे उनकी जासूसी तो नहीं कर रहे? कहीं इनकी आंखों से चोरी और अपराध की नई स्क्रिप्ट तो नहीं लिखी जा रही?

प्रशासन का कड़ा फैसला: नो फ्लाइंग जोन
ग्रामीणों की दहशत और सुरक्षा की आशंका को देखते हुए जिलाधीश विक्रम सिंह ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने तीनों थाना क्षेत्रों को “नो फ्लाइंग जोन” घोषित कर दिया। अब इन इलाकों में कोई भी व्यक्ति ड्रोन, कैमरा, ग्लाइडर या किसी भी मानव रहित विमान प्रणाली का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। आदेश साफ है – उल्लंघन करने पर उपकरण जब्त होगा और दंडात्मक कार्रवाई होगी। बीएनएसएस 2023 की धारा 223 के तहत यह अपराध माना जाएगा।

ग्रामीणों का डर और जागरण
हालात ऐसे हो चुके हैं कि लोग रात-रात भर अपनी छतों पर पहरा दे रहे हैं। कई परिवार सामूहिक रूप से इकट्ठा होकर गांव की गलियों में घूमते हैं। बच्चों और बुजुर्गों में डर बैठ चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार ड्रोन के टूटे हुए पुर्जे भी मिले हैं, जिससे यह आशंका और गहरी हो गई कि इन्हें अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।

पंचायतें, मंत्री और पुलिस – सबकी बैठकें
इस मुद्दे को लेकर न सिर्फ पुलिस बल्कि केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर तक को अवगत कराया गया। बहादुरपुर के सरपंच रविंद्र सिंह बांकुरा ने अपने सम्मान समारोह में मंत्री के सामने ड्रोन का मुद्दा रखा। मंत्री ने तुरंत क्राइम ब्रांच के उपायुक्त को कॉल करके विशेष टीम बनाने का आदेश दिया। दूसरी ओर, DCP बल्लभगढ़ राजकुमार ने गांवों के सरपंचों को बुलाकर बैठक की और स्पष्ट किया कि ग्रामीण घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत पुलिस को सूचना दें।

शादी-ब्याह और कार्यक्रमों पर असर
प्रशासन के आदेश का सबसे सीधा असर ग्रामीण जीवन पर पड़ा है। अब शादियों, धार्मिक आयोजनों और सामाजिक कार्यक्रमों में ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। जिन परिवारों ने शादी के लिए खासतौर पर ड्रोन बुक किए थे, उन्हें पारंपरिक वीडियोग्राफी पर लौटना पड़ रहा है। यह बदलाव जहां सुरक्षा के लिहाज से जरूरी है, वहीं सामाजिक स्तर पर लोगों को बड़ा झटका दे रहा है।

कानून उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई
जिलाधीश और पुलिस ने मिलकर साफ संदेश दिया है – बिना लाइसेंस ड्रोन उड़ाना अब अपराध है। प्रशासन ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति या संस्था नियम तोड़ेगी तो उपकरण जब्त करने के साथ कठोर कार्रवाई होगी। पुलिस की 15 विशेष टीमें लगातार गांवों में गश्त कर रही हैं और अपराधियों की पहचान में जुटी हैं।

आखिर कौन उड़ा रहा है ड्रोन?
सबसे बड़ा सवाल यही है – आखिर इन ड्रोन के पीछे कौन है? क्या ये महज शरारत है या फिर इसके पीछे कोई बड़ा आपराधिक रैकेट? गांवों की सीमा उत्तर प्रदेश से सटी होने के कारण लोगों को शक है कि अपराधी गिरोह चोरी और डकैती की साजिश रच रहे हैं। फिलहाल, प्रशासन का दावा है कि जांच जारी है और जल्द ही सच्चाई सामने लाई जाएगी।

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