Gurugram Murder-Suicide case: घटना का परिचय
गुरुग्राम के सेक्टर-37डी की चमचमाती सोसायटी में उस शाम जो हुआ, उसने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। दो सफल IT इंजीनियर—अजय कुमार और स्वीटी शर्मा—की शादीशुदा जिंदगी का अंत खून और मौत से हुआ। पति ने पहले पत्नी की गला दबाकर हत्या की और फिर खुद फांसी के फंदे से झूल गया। यह भयानक Gurugram Murder-Suicide case महज़ घरेलू कलह का नतीजा था या इसके पीछे कोई और कड़वा सच छिपा है, यही अब सबसे बड़ा सवाल है।
अजय और स्वीटी की मुलाकात से शादी तक
कहानी की शुरुआत साल 2020 में हुई, जब अजय और स्वीटी दोनों कैपजेमिनी कंपनी में काम करते थे। कार्यस्थल की दोस्ती धीरे-धीरे मोहब्बत में बदल गई। फरवरी 2023 में दोनों ने शादी कर ली। अजय उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के पारंपरिक कायस्थ परिवार से थे, जबकि स्वीटी पश्चिम बंगाल के आधुनिक और खुले विचारों वाले परिवार से थीं।
उनकी शादी एक “लव-कम-अरेंज” रिश्ते के रूप में हुई। अजय सालाना 20 लाख से अधिक पैकेज पर और स्वीटी करीब 15 लाख रुपए के पैकेज पर काम करती थीं। पैसा बहुत था, पर रिश्ते में सुकून नहीं।
झगड़े, दूरियां और रिश्ते का टूटना
शादी के बाद से ही दोनों के बीच कलह बढ़ने लगी। बताया जाता है कि स्वीटी अपने ससुराल की परंपराओं और अजय की पारंपरिक सोच को अपनाने में असहज थीं। वहीं, अजय को लगता था कि उनकी पत्नी ने शादी करके गलती की है और अब वह उनसे दूर हो रही है।
हालात इतने बिगड़ गए कि दोनों एक ही फ्लैट में अलग-अलग कमरों में सोते थे। सोशल मीडिया पर स्वीटी ने अपने पति की तस्वीरें हटाकर खुद को “सिंगल” दिखाना शुरू कर दिया था। यह संकेत था कि रिश्ता धीरे-धीरे टूट चुका है।
मौत से पहले का वीडियो और पुलिस की जांच
28 सितंबर की शाम अजय ने अपने बचपन के दोस्त को एक वीडियो भेजा। उसमें वह कह रहा था—”मैं अब जीना नहीं चाहता…”। दोस्त ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, लेकिन जब तक पुलिस पहुंची, सब खत्म हो चुका था।
दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर स्वीटी का शव जमीन पर पड़ा था और अजय फांसी से झूल रहा था। पुलिस और एफएसएल टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए। शुरुआती जांच में Murder-Suicide की पुष्टि हुई।
पड़ोसियों और परिवार की गवाही
पड़ोसियों का कहना है कि दोनों शांत और पढ़े-लिखे लगते थे। उन्हें कभी लड़ते हुए नहीं देखा गया। वे कम ही मेलजोल रखते थे, बस लिफ्ट या दरवाजे पर हल्की-फुल्की बातचीत होती थी।
अजय के बड़े भाई विनय ने बताया कि घटना से कुछ घंटे पहले वे दोनों उनसे मिले थे। उनके चेहरों पर तनाव साफ झलक रहा था, लेकिन उन्होंने सोचा कि यह सामान्य पति-पत्नी का झगड़ा होगा। उन्हें क्या पता था कि कुछ ही घंटों में उनकी दुनिया उजड़ जाएगी।
सोशल मीडिया पर बदलते रिश्ते के संकेत
जांच में पुलिस ने दोनों के सोशल मीडिया अकाउंट्स खंगाले। स्वीटी का बदला हुआ व्यवहार साफ झलक रहा था—तस्वीरें हटाना, खुद को सिंगल दिखाना, और पोस्ट्स से अजय को नजरअंदाज करना। यही चीज अजय के आत्मसम्मान और मानसिक स्थिति पर गहरा असर डाल गई।
सबक: रिश्तों में संवाद की अहमियत
यह Gurugram Murder-Suicide case सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरी चेतावनी है। पैसा, नौकरी और आलीशान घर रिश्तों की मजबूती की गारंटी नहीं देते। सच्चे रिश्तों की नींव संवाद, भरोसा और आपसी समझ पर ही टिकी होती है। जब पति-पत्नी या परिवार के बीच बातचीत की कड़ियाँ टूट जाती हैं, तो छोटी-सी अनबन भी पहाड़ जैसी बन जाती है।
अजय और स्वीटी की कहानी हमें यही सिखाती है कि अगर समय रहते रिश्तों की खामोशियों को तोड़कर दिल की बातें साझा की जातीं, तो शायद यह खौफनाक अंजाम टल सकता था। यह सिर्फ एक दंपती की मौत नहीं है, बल्कि दो परिवारों का उजड़ना, सपनों का बिखरना और समाज के लिए एक शर्मनाक सबक है।
हमें यह समझना होगा कि मानसिक तनाव, घरेलू झगड़े और रिश्तों में बढ़ती दूरियाँ केवल निजी समस्या नहीं हैं। यह एक सामाजिक जिम्मेदारी भी है कि हम अपने आसपास के लोगों की परेशानी को समझें, उन्हें सुने और मदद के लिए हाथ बढ़ाएँ।
इस घटना से हमें जागना होगा—
👉 अगर घर में तनाव है तो चुप्पी साधने के बजाय संवाद करें।
👉 अगर मानसिक दबाव बढ़ रहा है, तो परिवार, दोस्तों या काउंसलर से मदद लें।
👉 अगर कोई आसपास का व्यक्ति परेशान दिखे, तो सिर्फ तमाशबीन न बनें, बल्कि उसका सहारा बनें।
अजय-स्वीटी का यह मामला समाज को आईना दिखाता है कि रिश्तों में प्यार सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि संवाद और समझ से जिंदा रहता है।
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