Surajkund Diwali Mela Faridabad 2025 ने इस बार फरीदाबाद को सचमुच जगमगा दिया। हरियाणा पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित यह मेला न सिर्फ खरीदारी का केंद्र बना बल्कि सांस्कृतिक एकता, कला और परंपरा का जीवंत उदाहरण भी साबित हुआ।
चारों ओर झिलमिलाती रोशनी, लोकनृत्य की धुनें और हस्तशिल्प के रंगों ने इस मेले को ‘मिनी इंडिया’ बना दिया।
👣 चार दिन में 20 हज़ार पर्यटकों का सैलाब
दो अक्टूबर से शुरू हुए छह दिवसीय मेले ने पहले चार दिनों में ही करीब 20 हज़ार पर्यटकों का दिल जीत लिया। हर कोने में भीड़ उमड़ पड़ी थी — कोई मिट्टी के दीये खरीद रहा था तो कोई हस्तनिर्मित आभूषणों पर मोहित था।
हरियाणा पर्यटन निगम के अनुसार, मेले के आख़िरी दिन यानी 7 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने से समापन और भी खास बनने जा रहा है।
🎭 संस्कृति, संगीत और स्वदेशी उत्पादों का संगम
सूरजकुंड की मिट्टी में इस बार भी परंपरा की खुशबू घुली रही। हस्तशिल्प, पारंपरिक परिधान, गृह सज्जा सामग्री और मिट्टी के दीयों से सजे 500 स्टॉल्स पर देशभर के कलाकारों ने अपनी कला का जलवा बिखेरा।
हरियाणा से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों तक, सबने अपनी-अपनी संस्कृति को प्रदर्शित किया। हरियाणा टूरिज्म के अनुसार, यह मेला आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में अहम कदम है।
🎷 हिमाचल पुलिस बैंड और दीपेश राही की प्रस्तुति
मेले की सबसे बड़ी आकर्षण बनी हिमाचल पुलिस बैंड की प्रस्तुति — जिन्होंने अपनी पारंपरिक धुनों से भीड़ को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसी बीच “वॉयस ऑफ पंजाब” विजेता दीपेश राही ने भी मंच पर कदम रखा और “गुड़ नाल इश्क़ मिठ्ठा” जैसे गीतों से पूरे मैदान को झूमने पर मजबूर कर दिया।
लोगों की तालियाँ और कैमरों की फ्लैश लाइट्स मानो दिवाली से पहले ही आतिशबाज़ी कर रही थीं।
👩🎨 महिला उद्यमिता की नई उड़ान
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने मेले का दौरा किया और महिला उद्यमियों के स्टॉल्स का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा —
“ऐसे मेले न केवल रोजगार का ज़रिया हैं बल्कि आत्मनिर्भर भारत की रीढ़ हैं।”
महिलाओं द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प, गृह सज्जा सामग्री और खाद्य उत्पादों ने इस बार मेले में विशेष स्थान हासिल किया।
💃 लोक नृत्य, ढोल-नगाड़े और जनता की खुशी
वीकेंड पर मेले में भीड़ उमड़ पड़ी। पारंपरिक ढोल और नगाड़ों की थाप पर हर उम्र के लोग थिरकते नजर आए।
सेल्फी पॉइंट्स युवाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बने। लोक कलाकारों की प्रस्तुति और चमकदार सजावट ने माहौल को उत्सवमयी बना दिया।
गुरुग्राम की गुंजन ने कहा —
“आज ऑफिस से छुट्टी थी, सोचा दिवाली की खरीदारी कर लूं… लेकिन यहां तो हर स्टॉल दिवाली से पहले ही जगमगा रहा है।”
🌟 रंगारंग समापन समारोह की तैयारियाँ
7 अक्टूबर को सुबह 11 बजे रंगारंग क्लोजिंग सेरेमनी होगी, जिसमें हरियाणा टूरिज्म के वरिष्ठ अधिकारी, मंत्री और हजारों पर्यटक शामिल होंगे।
मेले के नोडल अधिकारी हरविंद्र यादव के मुताबिक, “समापन ऐसा होगा जो पूरे साल याद रहेगा।”
🗣️ लोगों की राय: दिवाली से पहले मिली खुशियों की सौगात
दिल्ली की अंजलि राणा ने बताया —
“मैं हर साल यहां आती हूं, लेकिन इस बार मेले की चमक कुछ अलग ही है।”
फरीदाबाद के प्रतिनव ने कहा —
“खाने-पीने की इतनी वैरायटी कि लगता है पूरी इंडिया यहां सिमट आई है।”
हर किसी के चेहरे पर मुस्कान और सेल्फी में झलकती खुशी इस बात की गवाही दे रही थी कि Surajkund Diwali Mela Faridabad 2025 वाकई खास है।
निष्कर्ष: परंपरा और आधुनिकता का संगम
यह मेला सिर्फ उत्सव नहीं — बल्कि सांस्कृतिक संवाद है। जहां परंपरा, संगीत, रंग और रोशनी मिलकर एक नया भारत गढ़ते हैं।
Surajkund Diwali Mela Faridabad 2025 ने दिखा दिया कि असली दिवाली सिर्फ दीप जलाने में नहीं, बल्कि दिलों को जोड़ने में है।