काकरोला-भांगरोला में अवैध वेयरहाउस पर कार्रवाई
DTP द्वारा की गयी कार्रवाई के कारण गुरुग्राम के नए सेक्टरों से सटे काकरोला-भांगरोला गांव सोमवार को रणभूमि में बदल गया। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग (DTP) की टीम अवैध वेयरहाउसों पर कार्रवाई करने पहुंची थी। करीब 6.8 एकड़ जमीन पर बने 12 से 15 वेयरहाउस बिना किसी लाइसेंस या स्वीकृति के खड़े थे। फरवरी 2025 में नोटिस जारी हुआ, मालिकों ने जवाब नहीं दिया और कोर्ट के आदेश भी अनसुने रह गए।
अचानक भड़की हिंसा और खून-खराबा
सुबह जैसे ही बुलडोजर गरजा, दर्जनों ग्रामीण जमा हो गए। देखते ही देखते पथराव शुरू हो गया। पत्थरों की बौछार से बुलडोजर चालक का सिर फट गया, वह लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़ा। वीडियो रिकॉर्डिंग करने आए कर्मचारियों का कैमरा छीन लिया गया। हालात इतने बिगड़े कि पुलिसकर्मी भी मौके से भाग खड़े हुए।
एफआईआर में नेताओं के नाम, मेयर पति पर गंभीर आरोप
इस खौफनाक घटना ने प्रशासन को हिला दिया। शिकायत में काकरोला और भांगरोला के पार्षदों के साथ-साथ मानेसर की मेयर डॉ. इंद्रजीत कौर के पति राकेश हयातपुर का भी नाम दर्ज हुआ। एफआईआर में गैर-जमानती धाराएं लगीं—सरकारी काम में बाधा, कर्मचारियों पर हमला, तोड़फोड़ रोकने के प्रयास में हिंसा और सार्वजनिक अशांति फैलाने जैसे आरोप।
पुलिस का कहना है कि जांच के बाद आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। वहीं राकेश हयातपुर ने दावा किया कि वे ग्रामीणों के बुलाने पर मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा—
“यह सब राजनीतिक द्वेष है। मैंने न किसी को उकसाया और न ही पथराव कराया। जनता ने चुना है, उनकी आवाज़ सुनना मेरा फर्ज़ है।”
राजनीति बनाम जनता का गुस्सा
इस घटना ने पूरे गुरुग्राम में हलचल मचा दी। एक तरफ प्रशासन कह रहा है कि किसी भी कीमत पर अवैध निर्माण नहीं बचेंगे, वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण और स्थानीय नेता इसे “जनता का अधिकार” बता रहे हैं।
मेयर के पति का नाम सामने आने से विवाद और गहराया है, क्योंकि उनका संबंध केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह से भी जोड़ा जाता है। आरोपियों में एक महिला के सरकारी जीप के आगे लेट जाने की घटना ने माहौल को और नाटकीय बना दिया।
अब आगे क्या होगा? प्रशासन का रुख सख्त
अमित मधोलिया, डीटीपीई, साफ कह चुके हैं—
“अवैध निर्माण किसी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे। बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ अभियान जारी रहेगा।”
इससे साफ है कि आने वाले दिनों में गुरुग्राम के ग्रामीण इलाकों में और भी बुलडोजर चलेंगे और टकराव तेज़ हो सकता है। सवाल यह है कि क्या यह लड़ाई “अवैध कब्ज़े” और “जनता के अधिकार” के बीच है या फिर राजनीति की गहरी चाल?
समाधान की राह: जनता और प्रशासन की साझेदारी
इस पूरे बवाल से एक सीख साफ़ निकलती है—संवाद की कमी टकराव को जन्म देती है। अगर ग्रामीणों को पहले से भरोसे में लेकर वैकल्पिक व्यवस्था बताई जाती, तो शायद खून-खराबा न होता। अब ज़रूरी है कि नगर निगम और टाउन प्लानिंग विभाग एक खुला संवाद मंच बनाए, जहाँ ग्रामीणों की दिक़्क़तें सुनी जाएँ और उन्हें कानूनी रास्ते दिखाए जाएँ। वहीं लोगों को भी समझना होगा कि अवैध कब्ज़ा या निर्माण किसी भी सूरत में टिक नहीं सकता। अगर दोनों पक्ष समझदारी और आपसी सहयोग से काम लें, तो गुरुग्राम का विकास भी तेज़ होगा और आम नागरिकों की तकलीफ़ें भी कम होंगी।
गुरुग्राम में नगर निगम द्वारा हाल ही में की गई तोड़फोड़ की घटनाएँ:
- सेक्टर-10ए, शक्ति पार्क — अवैध गोदामों की ध्वस्तता
नगर निगम की जोन-1 इन्फोर्समेंट टीम ने रिहायशी इलाके में अवैध कबाड़ गोदामों की शिकायत के बाद 6 अवैध स्ट्रक्चर जेसीबी की सहायता से तोड़ दिए। स्थानीय लोगों ने राहत की साँस ली और कार्रवाई का स्वागत किया। - कैथ्स, मास्टर रोड (सेक्टर्स 39/46) — अवैध रेहड़ी-ठेले हटाए गए
GMDA और MCG की संयुक्त कार्रवाई में 75 से अधिक अवैध सब्ज़ी ठेलों और रेहड़ियों को खंडसा रोड तथा महावीर चौक, अग्रसेन चौक और बस स्टैंड रोड के आसपास से हटाया गया। - सेक्टर 85 — अवैध गेट्स और गार्ड रूम हुआ ध्वस्त
टाउन प्लानिंग विभाग (DTCP) की टीम, डीटीपी अधिकारी अमित मधोलिया के नेतृत्व में पहुंची और 2 अवैध गेट्स और एक गार्ड रूम — जो सार्वजनिक मार्ग को अवरुद्ध कर रहे थे — उन्हें हटवाया। - सेक्टर्स 65, राजेंद्र पार्क, भोंडसी — 13 अवैध कॉलोनियाँ और सड़कें ध्वस्त
जुलाई 2025 में DTCP ने तीन चरणों में एक अभियान चलाया, जिसमें लगभग 40 एकड़ पर फैली 13 अवैध कॉलोनियों पर से 50 से अधिक संरचनाएँ साफ़ की गईं। - सेक्टर 62 — सात एकड़ जमीन पर अवैध संरचनाओं की सफाई
नगर निगम (MCG) ने सात एकड़ में फैली 20 से अधिक अस्थायी, गैर-कानूनी संरचनाओं (जैसे नर्सरी, झुग्गियाँ, गैरकानूनी बोरवेल) को हटाया। इस ड्राइव का नेतृत्व RS Batth ने किया, जिसमें ~100 पुलिस कर्मियों ने सहयोग किया