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Elvish Yadav Firing में आरोपी इशांत गांधी मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार

Elvish Yadav Firing ने NCR में दहशत फैला दी। 17 अगस्त की सुबह तीन बाइक पर आए बदमाशों ने गुरुग्राम में एल्विश यादव के घर पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। उस वक्त एल्विश घर पर नहीं थे, लेकिन उनकी मां और केयरटेकर अंदर मौजूद थे। गनीमत रही कि कोई घायल नहीं हुआ। वारदात के बाद मचे हड़कंप के बीच पुलिस ने कार्रवाई तेज की और आखिरकार मुठभेड़ में आरोपी इशांत उर्फ इशू गांधी को पकड़ लिया।

1. घटना का खौफनाक आग़ाज़

Elvish Yadav Firing का मामला किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था। 17 अगस्त की भोर में गुरुग्राम की नींद गोलियों की गड़गड़ाहट ने तोड़ दी। तीन बाइक सवार नकाबपोश बदमाश, हाथों में हथियार और आंखों में खौफ फैलाने का जुनून… अचानक से एल्विश यादव के घर के बाहर ताबड़तोड़ गोलियां बरसने लगीं। कांच टूटे, दीवारें छलनी हुईं, और पड़ोसियों की नींद डर से टूट गई।

गनीमत रही कि उस वक्त एल्विश यादव घर पर मौजूद नहीं थे। लेकिन उनकी मां और केयरटेकर इस खौफनाक मंजर की गवाह बनीं। लगभग 25 राउंड फायरिंग ने गुरुग्राम के माहौल में सनसनी फैला दी।


2. मुठभेड़ की रात और गिरफ्तारी

फायरिंग के मुख्य आरोपी इशांत उर्फ इशू गांधी की तलाश में पुलिस ने जाल बिछाया। फरीदाबाद क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि आरोपी इलाके में छिपा बैठा है। देर रात की घेराबंदी, पुलिस की टॉर्च और अचानक से शुरू हुई गोलियों की बरसात… मुठभेड़ शुरू हो चुकी थी।

आरोपी ने पुलिस पर आधा दर्जन से ज़्यादा राउंड फायर झोंक दिए। लेकिन जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली उसके पैर में लगी और वह ढेर हो गया। मौके से एक पिस्तौल बरामद हुई और इशांत को अस्पताल पहुंचाया गया।


3. गोलियों की गूंज और परिवार की दहशत

इस Elvish Yadav Firing ने सिर्फ़ यादव परिवार को ही नहीं, बल्कि पूरे NCR को हिला दिया। घर की खिड़कियां टूटी हुई थीं, ग्रिल पर गोलियों के निशान थे और दीवारें मानो किसी अदृश्य जंग का सबूत दे रही थीं।

पड़ोसी बताते हैं कि उस सुबह हर घर का दरवाज़ा धड़कते दिल के साथ खुला। “हमने सिर्फ फिल्मों में ऐसे दृश्य देखे थे, लेकिन वो हकीकत बन गया,” एक गवाह ने कांपती आवाज़ में कहा।


4. आरोपी इशांत गांधी का अतीत

पुलिस रिकॉर्ड खंगाले गए तो सामने आया कि इशांत गांधी कोई आम लड़का नहीं, बल्कि आपराधिक पन्नों का जाना-पहचाना नाम है। हिस्ट्रीशीटर, अवैध हथियारों से जुड़ा नेटवर्क और गैंग से कनेक्शन – ये सब इशांत की प्रोफ़ाइल का हिस्सा रहे।


5. सोशल मीडिया पर गैंग की धमकी

फायरिंग के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर एक गैंग ने जिम्मेदारी ली। उनका दावा था कि एल्विश यादव ने बैटिंग ऐप प्रमोट कर कई परिवारों का नुकसान किया है और ये हमला उसी का नतीजा था। हालांकि, पुलिस इस बयान की जांच अलग-अलग एंगल से कर रही है।


6. पुलिस जांच और अगला कदम

फरीदाबाद पुलिस ने इस केस को टॉप प्रायोरिटी पर लिया है। आसपास के CCTV फुटेज खंगाले गए, फोरेंसिक टीम ने गोलियों के खाली खोल जब्त किए और आरोपी के गैंग कनेक्शन पर काम शुरू किया।

फिलहाल इशांत गांधी पुलिस की गिरफ्त में है, लेकिन उसके पीछे छिपे पूरे गैंग का जाल अभी भी पुलिस के रडार पर है।

7. समाज के लिए कड़वी सीख

Elvish Yadav Firing केस से दो बड़ी सीख निकलती हैं।
पहली – सोशल मीडिया की दुनिया में शोहरत जितनी तेज़ी से मिलती है, उतनी ही जल्दी दुश्मनी भी खड़ी हो सकती है। ऐसे में क्रिएटर्स और पब्लिक फिगर्स के लिए सुरक्षा और सतर्कता बेहद ज़रूरी है।
दूसरी – अपराध की दुनिया में चाहे कोई कितना भी चालाक क्यों न हो, क़ानून से बच पाना नामुमकिन है। इशांत गांधी जैसे लोग कुछ समय तक डर फैला सकते हैं, लेकिन अंत में पुलिस की गिरफ्त से बच नहीं पाते।

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