Nuh Violence: नूंह जिले में मंगलवार शाम को एक मामूली वाहन खड़ा करने के विवाद ने बड़े बवाल का रूप ले लिया। जिले के मुंडाका गांव और राजस्थान की सीमा से लगे हाजीपुर गांव के बीच शुरू हुआ यह झगड़ा देखते ही देखते पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ में बदल गया। घटना में दोनों पक्षों के कई लोग घायल हुए, जबकि एक बाइक और एक झुग्गीनुमा दुकान को आग के हवाले कर दिया गया।
डीसी ने बताई विवाद की वजह
नूंह के उपायुक्त (डीसी) विश्राम कुमार मीणा ने बताया कि मंगलवार देर शाम कार पार्किंग को लेकर दो पक्षों के बीच कहासुनी हुई थी। इस दौरान स्थिति इतनी बिगड़ गई कि भीड़ इकट्ठा हो गई और हिंसा शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि “कुछ लोगों ने इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने समय रहते हालात पर काबू पा लिया।”
कैसे भड़का विवाद
गांव के सरपंच रामसिंह सैनी के मुताबिक, हाजीपुर निवासी इसरा का बेटा अपनी गाड़ी सड़क के बीच खड़ी किए था। पीछे से मुंडाका के समय सिंह पहुंचे और गाड़ी हटाने को कहा। इसी बात पर दोनों में कहासुनी हुई और आरोप है कि कार में बैठे युवक ने कांच की बोतल से हमला कर दिया। घटना की खबर फैलते ही दोनों गांवों के लोग आमने-सामने आ गए और पथराव शुरू हो गया।
पथराव और आगजनी
देखते ही देखते भीड़ ने मकानों और दुकानों की छतों से पथराव शुरू कर दिया। कांच की बोतलें फेंकी गईं और कई जगह तोड़फोड़ हुई। गुस्साई भीड़ ने एक मोटरसाइकिल और एक दुकान में आग लगा दी। आग की लपटों और धुएं से पूरे इलाके में तनाव फैल गया।
पुलिस ने कैसे संभाले हालात
सूचना मिलते ही फिरोजपुर झिरका थाना पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन स्थिति बेकाबू होती देख आसपास के थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया। डीएसपी स्तर के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने दोनों समुदायों के लोगों को अलग किया और गांव को पुलिस छावनी में बदल दिया गया।
घायलों का इलाज और जांच
घटना में एक पक्ष के चुन्नीलाल, गोपाल, लेखराज, वीर सिंह, फूलचंद, हंसराज और दूसरे पक्ष के खुर्शीद, फरहान, शाहबाज सहित कई लोग घायल हुए। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है।
पुलिस और प्रशासन की अपील
एसपी राजेश कुमार ने कहा कि यह विवाद सिर्फ गाड़ी खड़ी करने को लेकर था, जिसे भड़काने की कोशिश की गई। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही झूठी खबरों से बचें। अफवाह फैलाने या हिंसा में शामिल लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह समय है कि नूंह और आसपास के लोग अपने गुस्से को ठंडा करें और समझदारी से काम लें। किसी भी अफवाह या भड़काऊ बात पर प्रतिक्रिया देने से पहले सच को परखें, क्योंकि हिंसा में न तो किसी का भला होता है और न ही किसी की जीत। गांव के बुजुर्गों, युवाओं और प्रशासन सभी से मिलकर अपील है कि आपसी संवाद और भरोसे से ही माहौल शांत हो सकता है। मिलजुलकर रहने से ही समाज आगे बढ़ता है, जबकि झगड़े सिर्फ जख्म और दूरी छोड़ जाते हैं।
Nuh Violence: पिछले घटनाक्रम की याद
नूंह जिले में इससे पहले भी हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं। मार्च 2024 में ईद के दिन पुरानी रंजिश को लेकर तिरवाड़ा गांव में दो गुटों में भिड़ंत हुई थी, जिसमें एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे। वहीं, अगस्त 2023 में ब्रजमंडल यात्रा के दौरान हुए बवाल में 40 से अधिक वाहनों को आग लगा दी गई थी और दो होमगार्ड की मौत हो गई थी।
वर्तमान में नूंह के मुंडाका और आसपास के क्षेत्रों में भारी पुलिस बल तैनात है और सुरक्षा के मद्देनजर लगातार गश्त की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन शांति बनाए रखने के लिए निगरानी जारी रहेगी।