Faridabad Paperless Registry: फरीदाबाद में 1 नवंबर 2025 से रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी तरह पेपरलेस (Paperless) होने जा रही है। यानी अब संपत्ति की खरीद-बिक्री के लिए तहसील के चक्कर लगाने या मोटे दलालों को भुगतान करने की जरूरत नहीं होगी। हर प्रक्रिया अब ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से होगी — पारदर्शी, डिजिटल और नागरिक-अनुकूल।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र के बाबैन उप-तहसील से इस डिजिटल पहल की शुरुआत करते हुए कहा था कि यह हरियाणा को देश का पहला राज्य बनाएगी जहां 100% कागज रहित संपत्ति पंजीकरण लागू होगा।
Faridabad Paperless Registry: नई प्रणाली कैसे काम करेगी
अब रजिस्ट्री कराने वालों को बस https://eregistration.revenueharyana.gov.in/ पोर्टल पर लॉगिन करना होगा।
यहां वे अपने जमीन से संबंधित दस्तावेज अपलोड करेंगे, स्टांप शुल्क ऑनलाइन जमा करेंगे, और ओटीपी आधारित पहचान सत्यापन करेंगे।
तीन चरणों की डिजिटल जांच होगी —
- RC1: दस्तावेजों की प्रारंभिक जाँच
- RC2: फोटो और सिग्नेचर वेरीफिकेशन
- Sub-Registrar: अंतिम अनुमोदन
सभी प्रक्रियाएं पूरा होने के बाद नागरिक को केवल एक बार बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए तहसील जाना होगा। इसके बाद रजिस्ट्री की कॉपी सीधे उनके ईमेल या पोर्टल अकाउंट पर उपलब्ध हो जाएगी।
लोगों को क्या फायदे होंगे
- अब तहसीलों के चक्कर लगाने की झंझट खत्म।
- समय और धन दोनों की बचत।
- किसी भी “सुविधा शुल्क” या दलाल पर निर्भरता नहीं।
- पूरी प्रक्रिया पारदर्शी, ट्रैक करने योग्य और भ्रष्टाचार-मुक्त।
- नागरिक अपने घर बैठे स्टेटस और कॉपी डाउनलोड कर सकेंगे।
फरीदाबाद में फिलहाल रोजाना करीब 100 से अधिक रजिस्ट्री होती हैं। नई प्रणाली लागू होने के बाद यह सब कुछ ऑनलाइन शिफ्ट हो जाएगा। इससे न केवल नागरिकों को सुविधा मिलेगी बल्कि सरकारी स्टाफ पर भी दबाव घटेगा।
भ्रष्टाचार और दलालों पर असर
यह व्यवस्था दलालों के लिए सबसे बड़ा झटका है। पहले रजिस्ट्री में देरी, गलत जानकारी और “सुविधा शुल्क” देना आम बात थी। अब डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम हर चरण पर नजर रखेगा।
अधिकारियों का कहना है कि इससे फर्जीवाड़े और भूमि घोटालों पर भी रोक लगेगी।
राजस्व मंत्री विपुल गोयल ने कहा —
“हम पारदर्शी शासन के मॉडल की ओर बढ़ रहे हैं। अब किसी को भी रजिस्ट्री कराने के लिए रिश्वत या बिचौलिये पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।”
सरकार की तैयारी और तकनीकी पहल
राज्य की वित्त आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा के अनुसार, यह पोर्टल सभी प्रकार की संपत्ति — आवासीय, कृषि, पंचायती, सरकारी और अपार्टमेंट के लिए एकीकृत किया गया है।
प्रत्येक जिले में हेल्प डेस्क और टोल-फ्री नंबर (1800-180-2137) उपलब्ध कराए गए हैं ताकि किसी भी तकनीकी परेशानी को तुरंत हल किया जा सके।
लोगों को सलाह दी गई है कि वे अब नए स्टांप पेपर न खरीदें, क्योंकि एक नवंबर के बाद इसकी जरूरत नहीं रहेगी। पहले से खरीदे गए स्टांप पेपर 31 अक्टूबर तक इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
निष्कर्ष: डिजिटल हरियाणा की ओर एक कदम
Faridabad Paperless Registry सिर्फ एक प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि नागरिक सुविधाओं में डिजिटल क्रांति है।
अब हर दस्तावेज, हर हस्ताक्षर और हर लेन-देन का रिकॉर्ड ऑनलाइन रहेगा — पारदर्शी और सुरक्षित।
यह कदम न केवल भ्रष्टाचार-मुक्त व्यवस्था की दिशा में अहम है, बल्कि फरीदाबाद जैसे उभरते शहर में रियल एस्टेट कारोबार के लिए भी नई गति देगा।
हरियाणा सरकार की यह पहल “ई-गवर्नेंस” को जमीनी स्तर तक उतारने का प्रतीक है — जहां हर नागरिक के हाथ में है उसकी खुद की जमीन का अधिकार, एक क्लिक के साथ।
🗂️ हरियाणा रजिस्ट्री प्रणाली के प्रमुख बदलाव (1966–2025)
| वर्ष | बदलाव / अधिनियम / पहल | प्रभाव / परिणाम |
|---|---|---|
| 1966 | हरियाणा राज्य का गठन और पंजाब के Registration Act, 1908 व Land Revenue Act, 1887 का अनुकूलन | रजिस्ट्री प्रक्रिया की कानूनी नींव स्थापित |
| 1967–1975 | Punjab Land Revenue Act में हरियाणा संशोधन | भूमि रिकॉर्ड प्रणाली हरियाणा मॉडल में बदली |
| 1973 | Registration (Haryana Amendment) Act लागू | स्थानीय पंजीकरण नियमों में सुधार |
| 1980 | राज्य सरकार ने स्टांप ड्यूटी दरें तय करने की नीति शुरू की | संपत्ति मूल्यांकन में एकरूपता |
| 1988 | स्टांप ड्यूटी संशोधन और गाइडलाइन वैल्यू लागू | रजिस्ट्री में पारदर्शिता बढ़ी |
| 1990 | भूमि रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन का आरंभ (Jamabandi कंप्यूटरीकरण) | कागजी रिकॉर्ड डिजिटल रूप में सहेजे गए |
| 1995 | तहसीलों में कंप्यूटर आधारित रजिस्ट्रेशन सिस्टम | मैन्युअल एंट्री की जगह डिजिटल प्रक्रिया |
| 2000 | यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर (URN) प्रणाली लागू | हर रजिस्ट्री का यूनिक आईडी बना |
| 2003 | SARAL Software लॉन्च — ऑनलाइन शुल्क कैलकुलेशन | नागरिकों के लिए आसान शुल्क अनुमान |
| 2007 | HARIS Portal (Haryana Registration Information System) शुरू | रजिस्ट्री डिजिटल रूप से दर्ज होने लगी |
| 2010 | सभी जिलों में HARIS अनिवार्य | स्कैनिंग और ऑनलाइन एंट्री का एकीकरण |
| 2013 | eStamping System लागू | नकली स्टांप पेपर की समस्या खत्म |
| 2015 | Mutation Integration — नामांतरण और रजिस्ट्री लिंक्ड | रियल टाइम भूमि रिकॉर्ड अपडेट |
| 2017 | RERA Rules लागू | बिल्डरों की रजिस्ट्री में जवाबदेही आई |
| 2018 | आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य | पहचान में धोखाधड़ी पर नियंत्रण |
| 2019 | Jamabandi.nic.in पोर्टल पब्लिक हुआ | नागरिकों को भूमि रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध |
| 2020 | कोविड काल में डिजिटल अपॉइंटमेंट और टोकन सिस्टम | बिना भीड़भाड़ रजिस्ट्री प्रक्रिया संभव |
| 2021 | e-GRAS Portal से फीस का पूर्ण ऑनलाइन भुगतान | नकद रहित ट्रांजेक्शन लागू |
| 2022 | e-Panjiyan Project लॉन्च | रजिस्ट्री और भूमि रिकॉर्ड प्रणाली एकीकृत |
| 2023 | Revenue Court Monitoring System लागू | रजिस्ट्री विवादों की ऑनलाइन निगरानी |
| 2024 | Village Common Lands Amendment Act पारित | साझा भूमि की रजिस्ट्री पर स्पष्टता आई |
| अप्रैल 2025 | Haryana Land Revenue (Amendment) Act, 2025 | भूमि विभाजन व नामांतरण नियम संशोधित |
| सितंबर 2025 | कुरुक्षेत्र (बबैन) में पेपरलेस रजिस्ट्री पायलट | सफल परीक्षण, नागरिकों को डिजिटल सुविधा |
| अक्टूबर 2025 | eRegistration Portal पूरे राज्य में रोलआउट | ऑनलाइन रजिस्ट्री सिस्टम सक्रिय |
| 1 नवंबर 2025 | हरियाणा बना देश का पहला 100% पेपरलेस रजिस्ट्री राज्य | Faridabad Paperless Registry समेत सभी जिलों में पूरी तरह डिजिटल प्रक्रिया लागू |
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