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SRS ग्रुप घोटाला: निवेशकों से 3.45 करोड़ की ठगी, पहले भी कर चुके हैं करोड़ों का खेल – अब फिर FIR दर्ज

1️⃣ SRS ग्रुप पर एक और ठगी का मामला

फरीदाबाद में SRS ग्रुप के चेयरमैन अनिल जिंदल के खिलाफ एक बार फिर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है।
सेक्टर-31 थाना पुलिस ने एक कारोबारी की शिकायत पर 3.45 करोड़ रुपये की ठगी के आरोप में एफआईआर दर्ज की है।
यह वही अनिल जिंदल हैं जिन्हें 2018 में गिरफ्तार किया गया था और 2024 में जमानत पर रिहा किया गया था।
पुलिस रिकॉर्ड बताता है कि यह उनके खिलाफ दर्ज 86वीं FIR है — यानी धोखाधड़ी का यह कोई नया खेल नहीं है।


2️⃣ कैसे फंसे कारोबारी मोहित गोयल

बल्लभगढ़ के सेक्टर-2 निवासी मोहित गोयल, जो एक ट्रेडिंग कंपनी चलाते हैं और चीनी व घी का थोक व्यापार करते हैं,
साल 2014 में अनिल जिंदल से मिले।
SRS ग्रुप ने उन्हें मुनाफे का लालच दिया — कहा गया कि अगर वे पैसा निवेश करें तो हर महीने ब्याज मिलेगा,
या फिर बदले में फ्लैट और फार्महाउस मिल सकते हैं।

लालच में आकर मोहित ने 5.05 करोड़ रुपये ट्रस्टवर्थी जेम्स एंड ज्वेलरी प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में निवेश किए,
जो SRS ग्रुप की सिस्टर कंसर्न कंपनी बताई गई।


3️⃣ झूठे वादे: ब्याज और फ्लैट्स का लालच

शुरुआती महीनों में रिटर्न मिला, जिससे भरोसा और बढ़ा।
लेकिन धीरे-धीरे पेमेंट रुक गई।
जब मोहित ने पैसे वापस मांगे, तो उन्हें 16 फ्लैट्स और फार्महाउस देने का वादा किया गया —
पर न तो फ्लैट मिले, न पैसा।

2015 में उन्होंने 1.60 करोड़ रुपये निकाल लिए, लेकिन 3.45 करोड़ अब भी अटका रहा।
बाद में पता चला कि SRS ग्रुप पहले भी इसी तरह सैकड़ों निवेशकों से करोड़ों रुपये ठग चुका है


4️⃣ बाउंसरों की धमकी और FIR का अंजाम

जेल से छूटने के बाद जब मोहित 2024 में अनिल जिंदल के ऑफिस पहुंचे,
तो बाउंसरों ने उन्हें अंदर तक नहीं जाने दिया —
बल्कि जान से मारने की धमकी तक दी।

थककर मोहित ने जुलाई 2025 में आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत दी।
पुलिस जांच के बाद अब सेक्टर-31 थाना में धोखाधड़ी और साजिश की धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
फरीदाबाद पुलिस प्रवक्ता यशपाल सिंह ने पुष्टि की कि “अनिल जिंदल के खिलाफ जांच जारी है और सभी पुराने केसों के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।”


5️⃣ SRS का पुराना काला इतिहास

यह पहली बार नहीं है जब SRS ग्रुप विवादों में आया हो।
इंटरनेट पर दर्ज FIR रिकॉर्ड और रिपोर्ट्स के अनुसार,
SRS ग्रुप ने 2010–2018 के बीच हजारों निवेशकों को “हाई रिटर्न स्कीम्स” में फंसाया था।

कई लोगों ने बताया कि “हर महीने ब्याज” और “प्रॉपर्टी रिटर्न” के नाम पर उनसे करोड़ों रुपये वसूले गए,
फिर अचानक कंपनी ने रिटर्न देना बंद कर दिया।
2018 में जब अनिल जिंदल गिरफ्तार हुए, तो यह खुलासा हुआ कि
उन्होंने SRS रियल एस्टेट, SRS ज्वेलरी, और SRS मल्टीट्रेडिंग कंपनियों के जरिए
बड़ी वित्तीय जालसाजी रची थी।

2018 में ही ED (Enforcement Directorate) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी,
जिसमें करोड़ों रुपये के फर्जी लेनदेन का खुलासा हुआ।


6️⃣ निवेशकों का भरोसा टूटा, सवालों में पुलिस

लोगों में गुस्सा और निराशा दोनों है।
फरीदाबाद से लेकर गुरुग्राम तक के सैकड़ों निवेशक आज भी अपने पैसे की वापसी का इंतजार कर रहे हैं।
“हर बार गिरफ्तारी, हर बार जमानत, और फिर वही खेल…” —
ऐसा कहना है स्थानीय व्यापारी संगठन के एक सदस्य का।

पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि 86 FIRs के बाद भी ऐसी कंपनियां कैसे चल रही हैं?
क्या कानून का डर खत्म हो चुका है या सिस्टम में कहीं गहरी सड़ांध है?


7️⃣ नतीजा: फिर दोहराई जा रही पुरानी धोखाधड़ी

यह केस सिर्फ एक व्यापारी का नहीं —
यह उन सैकड़ों परिवारों की कहानी है जिन्होंने अपने सपनों का पैसा निवेश किया,
और बदले में मिला सिर्फ धोखा, डर और दर्द।

SRS ग्रुप की कहानी बताती है कि
लालच और झूठे वादों का बिज़नेस कितना महंगा पड़ सकता है —
सिर्फ पैसों से नहीं, भरोसे से भी।

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